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NIA Raid : बिहार समेत कई राज्यों में एन आई ऐ की ताबड़तोड़ छापेमारी, कई जगह कैश , हथियार व सेना की वर्दी बरामद

 राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को बिहार समेत चार राज्यों में छापेमारी की। यह कार्रवाई पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के खिलाफ की गई है। चार घंटे की छापेमारी में दो अवैध हथियार आपत्तिजनक उपकरण और कई दस्तावेज नकदी और आभूषण के साथ एक भारतीय सेना की वर्दी बरामद की गई। बिहार में टीम का नेतृत्व एनआईए के डीएसपी महेन्द्र सिंह राणा कर रहे थे।

NIA Raid In Bihar :राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएलएफआई) के खिलाफ बिहार समेत चार राज्यों में शुक्रवार को एक साथ छापेमारी की। प्रदेश में धनरुआ थाना क्षेत्र के गांव बरनी के प्रमोद पांडेय के घर दबिश दी गई। यहां एनआईए टीम ने प्रमोद पांडेय के पुत्र सोनु पांडेय को अपने कब्जे में लेकर घर तलाशी ली।



चार घंटे की छापेमारी में दो अवैध हथियार, आपत्तिजनक उपकरण और कई दस्तावेज, नकदी और आभूषण के साथ एक भारतीय सेना की वर्दी बरामद की गई। बिहार में टीम का नेतृत्व एनआईए के डीएसपी महेन्द्र सिंह राणा कर रहे थे। एनआईए ने पीएलएफआई कैडरों द्वारा जबरन वसूली से आतंकवादी गतिविधियों के वित्तपोषण की जानकारी मिलने के बाद इस वर्ष 11 अक्टूबर को विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था।


देशभर में 23 स्थानों पर धावा बोला

इसके बाद तथ्य जुटाए गए और तथ्यों के आधार पर छापामारी की रणनीति बनाकर एनआईए टीम ने शुक्रवार को एक देश भर में 23 स्थानों पर एक साथ धावा बोला। आज जिन आरोपियों और संदिग्धों के खिलाफ कार्रवाई की गई, वे सभी झारखंड में प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीएलएफआई के कैडर और समर्थक बताए गए हैं। वे हिंसक वारदात और आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में शामिल हैं। इन पर जबरिया वसूली और लेवी वसूली के मामले भी हैं।


एनआईए द्वारा एफआईआर में बरनी गांव के सोनू का भी नाम है। जानकारी के अनुसार, एनआईए की अब तक की जांच से पता चला है कि प्रतिबंधित संगठन के कैडर कोयला व्यापारियों, ट्रांसपोर्टरों, रेलवे ठेकेदारों और व्यापारियों से जबरन वसूली के माध्यम से धन जुटाते थे।

ये सुरक्षा बलों पर हमला, हत्या, आगजनी, आतंक पैदा करने के लिए विस्फोटकों और आइइडी के उपयोग की साजिश भी रच रहे थे। जांच से यह भी बात सामने आई है कि पीएलएफआई के नेता, कैडर और समर्थक झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और अन्य पीएलएफआई प्रभावित राज्यों में संगठन को पुनर्जीवित करने और विस्तार करने की साजिश में लगे हुए हैं।

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